Saturday, January 30, 2010

यहाँ के हम सिकंदर ...


मेरे घर के पीछे ...


अपनी छत से ये सुन्दर हरियाली का नजारा देख मैंने सोचा क्यों न इसे आपको भी दिखाएँऔर मैंने इसे कैमरा में कैद कर लिया।

जोर लगा के ...

ये बच्चे रोजाना लॉन्ग जम्प , हाई जम्प और बहुत से खेलों का अभ्यास करते हैं , ये अच्छे एथलीट भी हैं । लेकिन इनकी प्रतिभा इनके गाँव में ही दफ़न हो कर रह जाती है । कारण गांवों में योजनाओं का प्रायोगिक तौर पर लगू न हो पाना ।

काली है पर गाय है ...

दुग्ध उत्पादन कि दृष्टी से गाँव आज भी शहरों से बहुत आगे हैं । ये फ्रीजियन हाइब्रिड गाय है जो २५ से ३० लीटर दूध रोजाना देती है । वाइफ संस्था के डाक्टर ने काफी मसक्कत के बाद तैयार की है । उसके अनुसार ये ७० प्रतिशत फ्रीजियन है । फ्रीजियन विश्व की सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्लों में से एक है ।

बे फिक्र बचपन


छोटा है पर खतरनाक है ...


यह साहीवाल किस्म का बछड़ा है । दिखने में जितना सुंदर है उतना ही फुर्तीला भी होता है । छूते ही उछल कूद करने लगता है । लाते तो ऐसे चलाता है मानो जूडो-कराटे में एक्सपर्ट हो । एक महीने से कम उम्र का है लेकिन घास ऐसे खा रहा है मानो कोई बड़ा पशु हो ।