Friday, October 30, 2009

मेरे गाँव कि रश्म ...

गाँव के पास यह छोटा सा तालाव है । शादी के बाद सभी नव वधुओं को यहाँ लाया जाता है और उनसे पूजा करवाई जाती है । महिलाएं और छोटे बच्चे भी नव वर बधू के साथ जाते हैं । पूजा के बाद महिलाएं वर-बधू से एक दूसरे को सात-सात डंडी मारने को कहती है । सामान्य रस्म के अनुरूप वर बधू के सात डंडी मारता है लेकिन बधू डंडी मारने के बजाय वर के पैर छू लेती है । कुछ भी हो यार इस खूब सूरत हरियाली के बीच हंसी -ठिठोली में खूब मजा आता है । मैं भी कई बार साथ गया हूँ ।

Monday, October 26, 2009

Saturday, October 24, 2009

राष्ट्रीय पक्षी पर सूखा का सर

कम बारिस के कारण नहीं उगे पंख


इस वर्ष राष्ट्रीय पक्षी मोर पूरे उत्तर प्रदेश में हर जगह बहुतायत में दिखाई दे रहे हैं। किसानों ने शिकायतें भी की हैं कि ये उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। इन दिनों मोरों के पंख उगने से वे सजे धजे अति सुंदर एवं मनभावन प्रतीत होते हैं। लेकिन इस वर्ष बहुत से मोरों के पंख ही नहीं उगे हैं।उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें किसी ने लुट लिया हो। लोगों में ये चर्चाएँ जोरों पर हैं कि ऐसा क्यों हुआ है एटा जिला के बुधुपुरा गाँव के पचपन बसंत देख चुके पेसे से अध्यापक ओमप्रकाश मिश्र का कहना है कि ये जरुरत से कम बारिस होने का नतीजा है।

Wednesday, October 14, 2009















जिंदा रहने के लिए जरुरी है वृक्ष लगाना
एक वृक्ष अपने जीवनकाल में तीस लाख से अधिक का लाभ देता है शायद ही किसी ने यह महसूस किया होगा । ham batate हैं एक वृक्ष से मिलने वाले लाभ। जीवन दायिनी आक्सीजन, वायु pradushan पर नियंत्रण, जल का पुनर्चक्रीकरण, नियंत्रण, भुछरण पर नियंत्रण, उर्वरक छमतामें वृद्धी, फल-फूल, पशु पक्छियों का संरक्षण, यह मात्र अपने आप में ही लाभ नही है बल्कि ये सभी पर्यावरण के लिए जिम्मेदार है। इनकी विषम मात्र ही वर्तमान में बिगड़ते हुए पर्यावरण के लिए जिम्मेदार है। यदि हम चाहते हैं कि पृथ्वी पर हमारे रहने के अनुकूल पर्यावरण रहे तो जरुरी है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगायें । जिन्दा रहने के लिए जरुरी है वृक्ष लगना