शादी के बाद सभी नव वधुओं को यहाँ लाया जाता है और उनसे पूजा करवाई जाती है । महिलाएं और छोटे बच्चे भी नव वर बधू के साथ जाते हैं । पूजा के बाद महिलाएं वर-बधू से एक दूसरे को सात-सात डंडी मारने को कहती है । सामान्य रस्म के अनुरूप वर बधू के सात डंडी मारता है लेकिन बधू डंडी मारने के बजाय वर के पैर छू लेती है । कुछ भी हो यार इस खूब सूरत हरियाली के बीच हंसी -ठिठोली में खूब मजा आता है । मैं भी कई बार साथ गया हूँ ।Friday, October 30, 2009
मेरे गाँव कि रश्म ...
गाँव के पास यह छोटा सा तालाव है ।
शादी के बाद सभी नव वधुओं को यहाँ लाया जाता है और उनसे पूजा करवाई जाती है । महिलाएं और छोटे बच्चे भी नव वर बधू के साथ जाते हैं । पूजा के बाद महिलाएं वर-बधू से एक दूसरे को सात-सात डंडी मारने को कहती है । सामान्य रस्म के अनुरूप वर बधू के सात डंडी मारता है लेकिन बधू डंडी मारने के बजाय वर के पैर छू लेती है । कुछ भी हो यार इस खूब सूरत हरियाली के बीच हंसी -ठिठोली में खूब मजा आता है । मैं भी कई बार साथ गया हूँ ।
शादी के बाद सभी नव वधुओं को यहाँ लाया जाता है और उनसे पूजा करवाई जाती है । महिलाएं और छोटे बच्चे भी नव वर बधू के साथ जाते हैं । पूजा के बाद महिलाएं वर-बधू से एक दूसरे को सात-सात डंडी मारने को कहती है । सामान्य रस्म के अनुरूप वर बधू के सात डंडी मारता है लेकिन बधू डंडी मारने के बजाय वर के पैर छू लेती है । कुछ भी हो यार इस खूब सूरत हरियाली के बीच हंसी -ठिठोली में खूब मजा आता है । मैं भी कई बार साथ गया हूँ ।
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